कथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्रकरण की जांच कर रही कर्नलगंज पुलिस अब अनामिका, रीना और सरिता को लेकर उलझ गई है
सोरांव के गोहरी स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में आखिर किस नाम की महिला बतौर शिक्षिका नौकरी कर रही थी। इसको लेकर अब पेच फंस गया है।पहले रीना और अब सरिता का नाम सामने आने से पुलिस की विवेचना की दिशा भी बदल जा रही है। अनामिका के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) भी अब तक नहीं आ सकी है और दूसरे कागजातों को भी तस्दीक नहीं किया जा सका है। माना जा रहा है कि सीडीआर मिलने और मोबाइल कंपनी को दिए गए दस्तावेज से अनामिका व रीना को लेकर उलझी गुत्थी सुलझ सकती है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका। उधर, अलीगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आई बबली यादव ने अपने बयान में कहा है कि प्रयागराज स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में अनामिका के नाम से उसकी ननद सरिता यादव नौकरी करती थी। उसके बयान की कॉपी भी मंगाने की तैयारी चल रही है, ताकि विवचेना में शामिल किया जा सके। कुछ दिन पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा ने थाना कर्नलगंज में एफआइआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप है कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय में अनामिका शुक्ला ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी प्राप्त की। इस मामले की जांच चल ही रही थी कि अलीगढ़ पुलिस ने कानपुर देहात की रहने वाली बबली यादव को गिरफ्तार किया। बबली ने पूछताछ में बताया कि ननद सरिता प्रयागराज में नौकरी करती थी। इंस्पेक्टर कर्नलगंज अरुण त्यागी का कहना है सभी ¨बदुओं पर जांच की जा रही है।