69000 SHIKSHAK BHARTI मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा...क्यों बदले नियम
U.P. में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को पहले हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। बाद में कई याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश वरिष्ठ बकीलों के आपत्ति जताने और अपनी बात सुने जाने का आग्रह किए जाने के बाद शीर्ष अदालत ने दोबारा सुनवाई चालू करते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया।
जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस मोहन एम. संतानागौदार और जस्टिस बिनीत शरण की पीठ के सामने एक याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ बकील मुकुल रोहतगी ने दलीलों की शुरुआत की। उनका कहना था कि परीक्षा होने के बाद कट ऑफ में बदलाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की एकल पीठ का आदेश उनके मुबक्किल के पक्ष में था, लेकिन खंडपीठ ने उनके खिलाफ निर्णय दिया। उन्होंने कहा, कटऑफ बदलेम जाने के कारण बहुत सारे शिक्षामित्र अभ्यर्थी अयोग्य घोषित हो गए। उन्होंने तर्क दिया कि शिक्षामित्रों का वेतन बेहद कम है और यदि क्रटऑफ को सामान्य वर्ग के लिए 45 फीसदी व आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी ही रखा जाता तो बहुत सारे शिक्षामित्रों को अच्छे वेतन पर शिक्षक बनने का मौका मिल सकता.