बेशक बेरोजगारी है इसका मतलब यह तो कतई नही कि आप उन्ही बेरोजगार मित्रों की लड़ाई लड़ते लड़ते उन्ही मे अपना रोजगार खोज लो: Himanshu Rana
नमस्कार बन्धुओ
बेशक बेरोजगारी है इसका मतलब यह तो कतई नही कि आप उन्ही बेरोजगार मित्रों की लड़ाई लड़ते लड़ते उन्ही मे अपना रोजगार खोज लो।आज लगभग 90 प्रतिशत ऐसे अचयनित साथी जिनके प्रति बीते कल तक मेरे अंदर हमदर्दी थी, लेकिन माननीय अपेक्स कोर्ट के लेटेस्ट सुनवाई के बाद जो नँगा नाच शुरू हुआ है वह अक्षम्य है,अप्रत्याशित है और अमानवीय है।
मै भली भांति जान चुका हूँ तुम्हे नौकरी नही चाहिये किँतु एक बार उनकी भी सोचिये जिन्होंने लड़ते और आगे बढ़ते एक बार पुनः 72825 की मारक क्षमता का अहसास सरकार को करवा दिया है।लेकिन यह मारक क्षमता अपनी तीव्रता उस समय अवश्य खो देगी जब 300 रुपये प्रति याची के हिसाब से भसड़ मचेगी।
अब सुनो एक बात कान खोलकर नियुक्ति के व्यापक अवसर तभी पैदा हुये जब पौने दो लाख शिक्षा मित्रों को उनकी मूल तैनाती पर वापिस भेज दिया,68500/69000/29000 वैकेंसी के अलावा भी रोड मैप हैं अभी मेरे पास लेकिन यह कुछ भूजा चोर जिनके पास कानून की ABCD नही है औऱ नियुक्ति दिलवाने के लिए अब इनका रेट 300 रुपया तक आ गया,आप स्वयं सोचिये अगर उनके पास 5000 लोग जुड़ भी गये तो आप लोग इतने पैसे देकर भले भूल जाइये लेकिन भैया जी पन्द्रह लाख लेकर नया काम पक्का डाल देंगे।
मैं भी चाहता हूं कि सबको नियुक्ति मिले, लेकिन ऐसे नही जिस तरह बताऊंगा बस उसी मार्ग पर चलना पड़ेगा,अभी जो हो रहा है, जितना हो रहा है हो जान दो।
आगे इसी को आधार बनाकर बीएड टेट 2011 को अपनी मेंडमस 167/2015 के सापेक्ष एक ऐसा ब्रह्मास्त्र दूँगा जिसकी कोई काट नही होगी।
#rana

