सुप्रीम कोर्ट की वर्तमान कार्यवाही – सीधा और स्पष्ट सच: fb post se
बहुत से लोग यह भ्रम फैला रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट अब 6,000 बचे हुए पदों से अधिक लोगों की नियुक्ति करा सकती है या सभी को नौकरी दिला देगी।
कानून की स्थिति ऐसी नहीं है।
1️⃣ सुप्रीम कोर्ट नई भर्ती या नई नियुक्ति नहीं कर रही
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट कोई नई चयन प्रक्रिया नहीं चला रही और न ही नए अधिकार (New Right) बना रही है।
कोर्ट केवल यह देख रही है कि 25 जुलाई 2017 के अंतिम निर्णय का पालन सही ढंग से हुआ या नहीं।
2️⃣ एक ही मापदंड है – क्या आप कट-ऑफ तारीख से पहले कोर्ट में थे?
कोर्ट का पूरा फोकस केवल इस प्रश्न पर है:
👉 Final Judgment की तारीख से पहले क्या संबंधित व्यक्ति किसी भी रूप में कोर्ट के सामने था या नहीं
– चाहे रिट हो
– चाहे IA हो
– चाहे केस डिफेक्टिव ही क्यों न हो
3️⃣ जो कभी याची नहीं थे, उन्हें इस कार्यवाही से अधिकार नहीं मिलता
जो लोग 2017 से पहले कोर्ट में याची नहीं थे,
भले ही मेरिट में नाम हो या चयन सूची में हों,
➡️ उन्हें इस कार्यवाही के आधार पर नौकरी का कानूनी हक नहीं मिलता।
4️⃣ 6,000 बचे हुए पदों से ज़्यादा नियुक्ति – क्या संभव है?
❌ नहीं। सुप्रीम कोर्ट ऐसा आदेश नहीं दे सकती।
कारण:
पदों की संख्या पहले से तय होती है
कोर्ट पद सृजित (Create) नहीं करती
कोर्ट केवल उन्हीं पदों पर नियुक्ति का निर्देश दे सकती है
जिनका प्रावधान पहले से मौजूद हो
👉 यदि 6,000 पद शेष हैं, तो नियुक्ति उससे अधिक नहीं हो सकती।
5️⃣ 15,000 याचियों की चर्चा का वास्तविक अर्थ
15,000 याचियों की बात का मतलब यह नहीं है कि
15,000 लोगों को नौकरी दी जाएगी।
इसका अर्थ केवल यह है कि:
इतने लोग कट-ऑफ से पहले कोर्ट में थे
अब यह जांच हो रही है कि
– किसे पहले ही लाभ मिल चुका
– और किसे नहीं
6️⃣ नोडल अधिकारी और प्रोफार्मा क्यों?
नोडल अधिकारी को इसलिए लगाया गया है ताकि:
फर्जी दावे न हों
यह साफ हो सके कि
– कौन वास्तव में कोर्ट में था
– किस केस नंबर से था
– किस स्थिति में था
➡️ यह डेटा वेरिफिकेशन है, नियुक्ति आदेश नहीं।
7️⃣ क्या सुप्रीम कोर्ट 6,000 से ज्यादा लोगों को “समायोजित” कर सकती है?
❌ नहीं।
सुप्रीम कोर्ट:
न तो पद बढ़ा सकती है
न ही चयन सूची को दोबारा खोल सकती है
न ही गैर-याचियों को शामिल कर सकती है
कोर्ट केवल यह सुनिश्चित कर सकती है कि
जिन्होंने समय रहते कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, उनके साथ अन्याय न हो।
8️⃣ 2015 में कम नंबर वालों को नौकरी क्यों मिली थी?
क्योंकि उस समय:
वही लोग कोर्ट के सामने थे
कोर्ट ने राहत को केवल याचियों तक सीमित रखा
आज भी स्थिति वही है।
🔚 सीधा निष्कर्ष (Final Truth)
✔️ सुप्रीम कोर्ट नई भर्ती नहीं कर रही
✔️ 6,000 से अधिक नियुक्ति संभव नहीं
✔️ लाभ केवल कट-ऑफ से पहले कोर्ट में रहे लोगों तक सीमित रहेगा
✔️ वर्तमान प्रक्रिया = जांच + अनुपालन, न कि सबको नौकरी
⚖️ कानूनी स्पष्टता
यह लेख केवल सार्वजनिक जानकारी और न्यायालयी कार्यवाही की सामान्य समझ के लिए है।
इसका उद्देश्य
न तो न्यायालय की अवमानना है और न ही किसी आदेश की अवहेलना।




