माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के BEd अभ्यर्थियों के पक्ष में आदेश दिया है, इसको मील का पत्थर मानिये: हिमांशु राणा की पोस्ट से
माननीय उच्च न्यायालय छतीसगढ़ के आदेश के विरुद्ध कुछ लोग माननीय सर्वोच्च न्यायालय की शरण में गए जहाँ अब CONTRADICTORY आदेश हुआ है जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने साफ़ किया कि जब तक माननीय उच्च न्यायालय छतीसगढ़ की याचिका की सुनवाई पूरी न हो और निर्णय न आए तब तक BEd candidates को प्रतिभाग ही नही नियुक्ति तक से न रोका जाए, ये आदेश विरोधाभासी है क्योंकि शुरू से कह रहा हूँ बाबुओं की ग़लती से BEd की validity पर QUESTION MARK लगा है जिसमें बहती गंगा में कई लोग हाथ धो गए यहाँ तक कि बेंच ने भी काफ़ी कुछ कहा लेकिन हाल ही में हुई सुनवाई में बाबुओं की ग़लती को बताया गया कि STATUTORY BODY से ग़लती हुई है नाकि BEd inelligible है और इसी बात को CONSIDER करते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ के BEd अभ्यर्थियों के पक्ष में आदेश दिया है, इसको मील का पत्थर मानिये |
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