हजारों मामले हर कोई सुना और देखा होगा,पर किसी मास्टर के घर पर कभी ईडी की रेड नही सुनी होगी
विचारणीय है
लोग शिक्षकों कि ईमानदारी पर बेशक शक करते हैं और दस में से आठ लोग कहते हैं शिक्षक एमडीएम खा जाते शिक्षक कंपोजिट खा जाते हैं लेकिन आजतक मैंने देश के किसी भी राज्य में किसी भी शिक्षक के घर ईडी या सीबीआई कि रेड पड़ते नहीं देखा जिसके पास अकूत संपत्ति का भंडार जब्त किया गया हो
जबकि किसी टूटी बिल्डिंग में बैठा एक दस हजार कि नौकरी करने वाला बाबू , किसी दफ्तर में पानी पिलाने वाला चपरासी जिनके मासिक वेतन दस बीस हजार होते हैं पुलिस विभाग का एक कांस्टेबल उनके घरों पर अकूत संपत्ति मिलने के हजारों मामले हर कोई सुना और देखा होगा,पर किसी मास्टर के घर पर कभी ईडी की रेड नही सुनी होगी।