मिशन प्रेरणा के प्रमुख दस्तावेज भरने में ही जब पसीने आ रहे हों तो मिशन प्रेरणा के जरिए शिक्षा गुणवत्ता हासिल करने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा?
ये सवाल शिक्षकों के साथ-साथ अफसरों व बेसिक शिक्षा विभाग के सामने भी चुनौती से कम नहीं है। शिक्षकों ने इस संबंध में अपने संबंधित अधिकारियों को अवगत कराते हुए इसके प्रशिक्षण की मांग भी उठाई है। मगर जब तक प्रशिक्षण नहीं मिलता और शिक्षक इन दस्तावेजों को भरने में दक्ष नहीं होते तब तक प्रेरणा लक्ष्य पूरा होने की उम्मीद करना भी शायद बेईमानी ही साबित होगा।
मिशन प्रेरणा के विभिन्न दस्तावेज जैसे शिक्षक डायरी, ई-पाठशाला रजिस्टर आदि को भरने के लिए बीआरसी स्तर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाने की मांग उठाई गई है। बताया कि तमाम विद्यालयों के शिक्षको को इन दस्तावेजों को पूरा करने में ही काफी परेशानी होती है। इसकी शिकायतें भी कई ब्लाक से आई हैं।
जब से विद्यालय खुले हैं तब से शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्य करने का दबाव बनाया जा रहा है। महासंघ इसका विरोध करता है।
शिक्षक कंप्यूटर पर फीडिंग करने में दक्ष नहीं हैं। मांग उठाई कि यह काम बीआरसी पर कंप्यूटर आपरेटर से कराया जाए। चयन वेतनमान की सूची में जो शिक्षक छूटे हैं उनका चयन वेतनमान लगाकर सूची जारी करने की मांग भी उठाई। कहा कि डीबीटी का कार्य जबरदस्ती कराए जाने की कोशिश की जा रही है। डीबीटी का कार्य केवल बीआरसी स्तर पर कंप्यूटर आपरेटर से ही कराया जाए।