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13 September 2021

शिक्षक की मन की आवाज: गर्मियों का टाइम 8:00 से 1:00 था , फिर टाइम एंड मोशन स्टडी ने 2:00 तक के दिया , फिर सरकार ने इसे 2:30 तक कर दिया , कोई भी शिक्षक आवाज नही उठाता न विरोध करता

 शिक्षक की मन की आवाज: गर्मियों का टाइम 8:00 से 1:00 था , फिर टाइम एंड मोशन स्टडी ने 2:00 तक के दिया , फिर सरकार ने इसे 2:30 तक कर दिया , कोई भी शिक्षक आवाज नही उठाता न विरोध करता

गर्मियों का टाइम 8:00 से 1:00 था , फिर टाइम एंड मोशन स्टडी ने 2:00 तक के दिया , फिर सरकार ने इसे 2:30 तक कर दिया , कोई भी शिक्षक आवाज नही उठाता न विरोध करता | बस जो भी आदेश  आता है आँख बन्द करके स्वीकार कर लेते हैं | इतनी गर्मी में 2:30 बजे तक स्कूल किन मायनों में सही है | क्या आपको पता है एक मजदूर से ज्यादा समय बिता रहे हैं आप स्कूल में | कुछ लोग तो ऐसे हैं 6 बजे निकलते हैं घर से 6 बजे ही घर पहुंच रहे हैं। 9 घण्टे तो प्रत्येक शिक्षक स्कूल में बिता रहे है लगभग |फिर भी शिक्षक हरामी है कुर्सी तोड़ता है | सभी सरकारी विभागों की आंखों में खटकता है|इससे अच्छा तो सर्दियों वाला ही टाइम कर देते ये 9:00 से 3:00 कम से कम सुबह तो टाइम मिल जाता | cl के अलावा कोई अन्य अवकाश नही |न कोई मेडिकल क्लेम , न कोई अन्य भत्ता | ऊपर से तरह तरह के कार्य blo कार्य, सूचना संग्रहण का कार्य , अपनी मर्जी से अब तो कक्षाओं में स्वतंत्र रूप से पढ़ा नही सकता | पढ़ायेगा भी अब विभाग की मर्जी से  | अत्यधिक मानसिक तनाव क्या करना है क्या नही करना है |शिक्षक डायरी भर रहा है , तमाम ताम झाम भी कर रहा है भी अधिकारी से डर हुआ सहमा हुआ रहता है | हर वक़्त वेतन रुकने की तलवार उसके सर पर खड़ी रहती है | क्या कारण है इसका कोई बताएगा | कब एक शिक्षक के मन से भय खत्म होगा |


 

शिक्षक की मन की आवाज: गर्मियों का टाइम 8:00 से 1:00 था , फिर टाइम एंड मोशन स्टडी ने 2:00 तक के दिया , फिर सरकार ने इसे 2:30 तक कर दिया , कोई भी शिक्षक आवाज नही उठाता न विरोध करता Rating: 4.5 Diposkan Oleh: news