जीते-जी नहीं मिल पाया शिक्षक को न्याय, मृत्यु के बाद पता चला शिक्षक निर्दोष है
खुद को सही साबित करने के लिए विमल आफिस-आफिस दौड़ता रहा। अफसरों की मनुहार करता रहा। किसी के पैर पकड़े, तो किसी के सामने मिन्नतें कीं। सभी ओर से उसे ‘फर्जी डिग्री वाला’ ही बता दिया गया। नौकरी पर खतरा और सार्वजनिक रूप से शर्मसार होने की वजह से उसने चारपाई पकड़ ली। कुछ दिन बाद ही उसकी मृत्यु हो गई।