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27 July 2020

UPPSC: उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की कोरोना काल में सीबीआइ जांच भी हुई ठप

UPPSC: उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की कोरोना काल में सीबीआइ जांच भी हुई ठप


उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं व रिजल्टों की जांच कर रही सीबीआइ की कार्रवाई कोरोना काल में ठप है। फरवरी के बाद सीबीआइ की टीम आयोग नहीं आयी। न ही किसी को पूछताल के लिए बुलाया। इधर, जून में उत्तर प्रदेश न्यायिक सिविल सेवा परीक्षा 2013, आरओ-एआरओ 2013, सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा सामान्य चयन 2013 व मेडिकल अफसर की एक सीधी भर्ती में पीई (प्राइमरी इंक्वायरी) दर्ज कराकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इससे सीबीआइ जांच के निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे प्रतियोगियों में निराशा व्याप्त है।

योगी सरकार ने 20 जुलाई 2017 को उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षाओं की जांच सीबीआइ को सौंप दिया था। सीबीआइ को 2012 से 2017 तक की सभी परीक्षाओं व जारी हुए रिजल्टों की जांच करनी है। इनकी संख्या लगभग 550 है। लेकिन, मई 2018 में अज्ञात के नाम एफआइआर दर्ज करने के बाद जांच सुस्त होती गई। लगभग 36 महीने की जांच में सीबीआइ किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। कार्रवाई के नाम पर मात्र एक एफआइआर व पांच परीक्षाओं में पीई (प्राइमरी इंक्वायरी) ही दर्ज कराई जा सकी है।

भारी पड़ेगी सीबीआइ की सुस्ती : सीबीआइ की जांच समयबद्ध कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के प्रवक्ता अवनीश पांडेय मौजूदा स्थिति से काफी आहत हैं। कहते हैं कि प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सीबीआइ की जांच समयबद्ध कराए। लेकिन, ऐसा नहीं किया जा रहा है।

इससे जांच की प्रक्रिया लंबी खिंच रही है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए आने वाले कई सालों में कोई निष्कर्ष निकलता नजर नहीं आ रहा है। कहा कि सीबीआइ की सुस्ती का दुष्परिणाम प्रदेश की भाजपा सरकार को आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा।

सीबीआइ ने की यह कार्रवाई

सीबीआइ ने अभी तक पीसीएस 2015 में एफआरआइ दर्ज कराई है। जबकि एपीएस 2010, लोअर सबआर्डिनेट 2013, पीसीएस जे 2013, आरओ-एआरओ 2013 व सीधी भर्ती के तहत हुई मेडिकल अफसर की नियुक्ति के मामले में पीई दर्ज कराई है।

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