मजदूरों ने सुनाया अपना दर्द साहब पहले आटा—दाल खरीदे दें या डाटा पैक खरीदे
लाकडाउन में मजदूरों की स्थिति बेहद खराब हो गई है सरकार द्वारा और कुछ लोगों के द्वारा दी गई सामग्री के द्वारा वह इस समय किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं इस अवस्था में सरकार ने सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने का निर्देश जारी किया लेकिन अधिकतर बच्चों के माता-पिता गरीब है। कुछ लोग तो 21 दिन के होम कोरोटाईन है।
लेकिन इस अवस्था में जब अध्यापक कहते हैं कि आपके बच्चे की पढ़ाई ऑनलाइन होगी आप अपने मोबाइल में डाटा रखें या तो फिर एक एंड्राइड मोबाइल खरीद ले उस समय मजदूर कहते हैं कि साहब पहले खाना खरीदें कि मोबाइल खरीदें कुछ लोग के पास मोबाइल है तो उसमें भरवाने के लिए पैसे ही नहीं है। इस अवस्था में कैसे ऑनलाइन पढ़ाई होगी। लोग ₹100 के लिए तरसना पड़ रहा है। किसी तरह दुकान से उधार लेकर अपना पेट भर रहे हैं। ऐसे अवस्था में यदि कोई शिक्षक उनके पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए जाता है तो खरी खोटी सुना देते हैं। उनका भी ठीक है