बेसिक स्कूलों की किताबों की पहली खेप पहुंची, पठन-पाठन में आसानी, गुरुजन ई-लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में कमजोर मोबाइल नेटवर्क और अभिभावकों के पास एंड्रायड फोन का अभाव इसमें बाधा बना हुआ है।
लॉकडाउन के दौरान स्कूलों में ताला लटक रहा है। ऐसे में परिषद शिक्षा प्रणाली को पटरी पर लाने में जुट गया है। पुस्तकों की खेप जिलों में पहुंचने लगी है। रविवार को मुख्यालय स्थित बीएसए कार्यालय परिसर में कक्षा दो व तीन की पुस्तकें पहुंची।मजदूरों के जरिए ट्रक से पुस्तकों का बंडल उतरवाकर कक्ष में सुरक्षित रखवा दिया गया। डीएम की संस्तुति पर गठित कमेटी किताबों का सत्यापन करेगी। इसके बाद शासन की मंशा के अनुरूप छात्र-छात्राओं में वितरित कराई जाएंगी।कोरोना संक्रमण के चलते जारी लॉकडाउन ने शिक्षा प्रणाली को बेपटरी कर
दिया है। गुरुजन ई-लर्निंग के जरिए बच्चों को पढ़ा रहे हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में कमजोर मोबाइल नेटवर्क और अभिभावकों के पास एंड्रायड फोन का अभाव इसमें बाधा बना हुआ है। विभाग की कवायद महज 30 फीसदी विद्यार्थियों के लिए ही कारगर साबित हो रही है। परिषद की ओर से छात्र-छात्राओं को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत कर दिया गया है। किताबों व गुरुजनों के मार्गदर्शन के बिना घरों में कैद बच्चे पठन-पाठन से वंचित हैं। ऐसे में परिषद विद्यार्थियों के लिए पुस्तकों की व्यवस्था में जुट गया है। किताबों की खेप जिलों में भेजी जा रही है।