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16 May 2020

किसी शिक्षक को स्थानांतरण के लिए पैरवी न पैरवी कराने का कड़ा निर्देश दिया गया है, अगर कोई स्थानांतरण की पैरवी कराता है तो उसे अनुशासनहीनता के दायरे में रखकर कार्रवाई की जाएगी।

किसी शिक्षक को स्थानांतरण के लिए पैरवी न पैरवी कराने का कड़ा निर्देश दिया गया है, अगर कोई स्थानांतरण की पैरवी कराता है तो उसे अनुशासनहीनता के दायरे में रखकर कार्रवाई की जाएगी।


कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से उच्च शिक्षा विभाग की सारी व्यवस्था प्रभावित हो गई है। प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में कार्यरत प्रवक्ताओं का स्थानांतरण इस वर्ष नहीं होगा। राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त 'एडेड' डिग्री कॉलेजों में जो जहां कार्यरत है, उसे वहीं रहना होगा।
अब स्थानांतरण की प्रक्रिया 2021 में शुरू होगी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने डिग्री कॉलेज प्रशासन को स्थानांतरण की फाइल न भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही किसी शिक्षक को स्थानांतरण के लिए पैरवी न पैरवी कराने का कड़ा निर्देश दिया गया है। अगर कोई स्थानांतरण की पैरवी कराता है तो उसे अनुशासनहीनता के दायरे में रखकर कार्रवाई की जाएगी।

डिग्री कॉलेजों में कार्यरत प्रवक्ताओं का स्थानांतरण मई-जून माह में होना था। इसके मद्देनजर उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के राजकीय स्नातक, स्नातकोत्तर डिग्री कॉलेजों में कार्यरत प्रवक्ताओं की गोपनीय रिपोर्ट मांगी थी। कॉलेज के  प्राचार्य को प्रवक्ताओं की कार्यप्रणाली पर आधारित रिपोर्ट 15 अप्रैल तक
निदेशालय को भेजने का निर्देश दिया गया था। अब शासन का निर्देश मिलने पर स्थानांतरण न करने का निर्णय लिया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा का कहना है कि डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों का स्थानांतरण इस साल नहीं होगा। इसकी प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई है।

किसी शिक्षक को स्थानांतरण के लिए पैरवी न पैरवी कराने का कड़ा निर्देश दिया गया है, अगर कोई स्थानांतरण की पैरवी कराता है तो उसे अनुशासनहीनता के दायरे में रखकर कार्रवाई की जाएगी। Rating: 4.5 Diposkan Oleh: news