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13 May 2020

69000 SHIKSHAK BHARTI आरक्षण एवं ओवरलैपिंग by कुलदीप एंड टीम

69000 SHIKSHAK BHARTI आरक्षण एवं ओवरलैपिंग by कुलदीप एंड टीम


#69000_भर्ती
#आरक्षण_एवम्_ओवरलैपिंग

◼️बहुत दिन पहले एक विवाद का जन्म हुआ जिसमें यह मांग की गई कि को अभ्यर्थी टीईटी परीक्षा अपनी कैटेगरी (ओबीसी/ एससी/ ST) में उत्तीर्ण करेंगे, अर्थात टीईटी पास करने के लिए सामान्य वर्ग हेतु निर्धारित न्यूनतम कटऑफ को पार नहीं कर पाएंगे, ऐसे लोगों को भर्ती के समय उनकी कैटेगरी की सीटों पर ही नियुक्ति दी जाए।

◼️ विवाद आगे बढ़ा और सुप्रीमकोर्ट तक जाकर हल हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों की मांग को खारिज करते हुए कहा कि टीईटी केवल अहर्ता परीक्षा है और इसके अंको का चयन/ नियुक्ति में कोई प्रभाव नहीं है। इसलिए रिजर्व कैटेगरी में टीईटी उत्तीर्ण करने वाला भी सामान्य की सीट पर नियुक्ति पा सकता है बशर्ते उसका गुणांक सामान्य के चयन गुणांक जितना हो।

🔴 लेकिन 69000 लिखित परीक्षा में उपरोक्त आदेश लागू नहीं होता क्यूंकि यह परीक्षा चयन/नियुक्ति हेतु विशेष आधार है।
सामान्य तौर पर आरक्षित वर्ग के जिस अभ्यर्थी के 97 से कम अंक है, वो वैसे ही अपने कम गुणांक के कारण सामान्य की सीट नहीं ले पाएगा। लेकिन शिक्षामित्रों के मामले में यह तर्क बदल जाता है।

🔴 कुल पास लगभग 8 हजार शिक्षामित्रों में से कई हजार शिक्षामित्र ऐसे हैं जिनके अंक 97 से कम हैं और आरक्षित श्रेणी में इन्होंने लिखित परीक्षा पास की है। जब इन अंकों में अनुभव का भारांक जुड़ेगा तब यह लोग सामान्य वर्ग की सीटों पर कब्जा जमा लेंगे।

🔴 दीपा ई.वी. केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कुल स्पष्ट तौर पर कहा है कि यदि चयन प्रक्रिया में किसी भी स्टेज पर आपने एक बार आरक्षण का लाभ प्राप्त तब आप फाइनल चयन के समय चाहे जितनी मेरिट/ गुणांक रखते हों, आपको अपनी कैटेगरी (obc/sc/st) की सीट पर ही नियुक्ति मिलेगी।

🔴 बेसिक शिक्षा विभाग भी इस नियम को मानने के लिए बाध्य है, यदि वो ऐसा नहीं करता तो स्पष्ट रूप से यह गैर कानूनी माना जाएगा। जो भी सामान्य वर्ग के लोग बॉर्डर पर हैं, वह इस दिशा में प्रयास करें और मंत्री जी व उच्च अधिकारियों से बात करें।

धन्यवाद।
#कुलदीप_एंड_टीम

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