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28 May 2020

69000 SHIKSHAK BHARTI: इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज दिनांक - 28मई को विवादित फाइनल कुंजी में प्रश्नों पर हुई बिन्दुवार बहस की अपडेट

69000 SHIKSHAK BHARTI: इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज दिनांक - 28मई को विवादित फाइनल कुंजी में प्रश्नों पर हुई बिन्दुवार बहस की अपडेट


इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज दिनांक - 28मई को विवादित फाइनल कुंजी में प्रश्नों पर हुई बिन्दुवार बहस की अपडेट*
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आज 11 बजकर 40 मिनट पर लिंक आया
ठीक 5 मिनट बाद अर्थात 11 बजकर45 मिनट पर बहस प्रारम्भ हुए।
12 बजकर 28 minutes पर पूरी बहस समाप्त हुई।
कूल 43 मिनट चले बहस का बिंदुवार आख्या---
आज बहस की शुरुआत इस प्रकार हुए कि
कल के आदेश में परीक्षा नियामक प्राधिकारण को जवाब लगाने को कहा गया था।
आज नियामक के वकील जवाब तो लगाए किन्तु वही रवैया की हमारे सारे उत्तर सही है। और छात्रों द्वारा जिन भी प्रश्नों चुनौती दी गई है वो गलत है।
इसी बात का विरोध करते हुए हमारे सीनियर अधिवक्ता श्री राधकांत ओझा द्वारा एक एक प्रश्न पर बहस साक्ष्य के साथ दिखाना प्रारम्भ किया और माननीय जज साहब की रुचि बढ़ने लगी।
जिसको देखकर विपक्ष के सीनियर वकील बार बार व्यवधान डालने का प्रयास करने लगे किन्तु हमारे अनुरोध पर उनको पूरा सुनने का आदेश दिया गया।
उसके बाद बहस आगे बढ़ती है फिर हमारे द्वारा कुछ प्रश्नों के साक्ष्य के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण जजमेंट दिखाया गया।

न्याय में पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए जजमेंट को विपक्ष को भी नोट कराया गया।
माननीय जज साहब के समक्ष कुल 8 प्रश्न शत प्रतिशत बहस हुई। जिसमें वो हमारे पक्ष में दिखे।
जज साहब को S C R T की पुस्तक से साक्ष्य का मिलान कराने पर संतुष्टि प्राप्त हुई ।
व संविधान सभा वाले प्रश्न पर उन्होंने एक बार विधिक मत के द्वारा विशेषज्ञ की राय भी जानना चाहा है। जो कल की तारीख में नियामक व उच्च न्यायालय के विधिक एक्सपर्ट अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे।
संविधान सभा वाले प्रश्न पर हमने NCRT व  SCRT के अलावा  कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाओ का भी साक्ष्य दिखाया जैसे up pcs परीक्षा इत्यादि।
तो कोर्ट ने आगामी होने वाले किसी भी परीक्षाओ में अगर ये प्रश्न पूछे जाएंगे तो उस प्रश्न की प्रकृति स्पस्ट कर के ही पूछे जाएंगे ऐसे मौखिक चेतावनी भी दी।
अब आखिरी बहस आती हैं out of syllabus वाले प्रश्न पर पिटीशनर को लाभ देना चाहिए।
तो इस पर न्यायालय ने कहा हम एक दिन का वक़्त लेंगे और जितने जजमेंट दिए गए हैं वो और जितने साक्ष्य पेश किए गए हैं उन सभी का अवलोकन व अध्ययन करने के उपरांत बिना विलंब किये शनिवार को दोनों पक्षो की पूरी बहस सुनेंगे।उसके उपरांत पूर्ण फैसला देंगे।
अगली सुनवाई की तारीख 30 मई दिन शनिवार निर्धारित की गई है।
कल और आज की बहस के बाद ये लगता है कि जज साहब अभ्यर्थियों के पक्ष में न्यायपूर्ण फैसला ले सकते हैं।
किन्तु जब तक हमारे पक्ष में आदेश नही आ जाता हम शांति व धैर्य से काम लेंगे।
धन्यवाद
शिवेंदु ओझा
शत्रुघन सोनवाल
अधिवक्ता उच्च न्यायालय, प्रयागराज

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