RTE से पहले नियुक्त शिक्षकों को TET अनिवार्यता से मिल सकती है बड़ी राहत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दिए सकारात्मक संकेत
नई दिल्ली/शाहजहांपुर।
RTE (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) लागू होने से पूर्व नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों के लिए बड़ी राहत की उम्मीद जगी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ऐसे शिक्षकों को TET (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता से छूट दिए जाने के संकेत दिए हैं। यह संकेत शिक्षक संगठनों और जनप्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से उठाई जा रही मांगों के बाद सामने आए हैं।
जानकारी के अनुसार, 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों पर TET लागू किए जाने से उत्पन्न व्यावहारिक कठिनाइयों और इसके सेवा शर्तों पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है। इन शिक्षकों की नियुक्ति उस समय हुई थी, जब भर्ती प्रक्रिया में TET की कोई शर्त लागू नहीं थी। बाद में नियमों में हुए बदलावों से वेतन, पदोन्नति और अन्य सेवा लाभ प्रभावित हो रहे थे।
भाजपा सांसद अरुण कुमार सागर ने हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर उत्तर प्रदेश सहित देशभर के प्राथमिक शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने एक ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि RTE से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को TET की अनिवार्यता से मुक्त किया जाए, क्योंकि यह शर्त उनकी भर्ती के समय लागू नहीं थी।
सूत्रों के मुताबिक, शिक्षा मंत्री ने इस विषय पर सहानुभूतिपूर्वक रुख अपनाते हुए कहा कि शिक्षकों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी और मामले का शीघ्र समाधान निकालने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस संबंध में कोई ठोस निर्णय या स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।
यदि यह निर्णय लागू होता है, तो लाखों प्राथमिक शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी और लंबे समय से चली आ रही असमंजस की स्थिति समाप्त होगी। शिक्षक संगठनों ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द सकारात्मक फैसला लेकर शिक्षकों के हितों की रक्षा करेगी।

