पड़ोसी राज्य में टीईटी की अनिवार्यता मामले में समाधान निकालने में जुटी सरकार
बेसिक शिक्षकों लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार समाधान तलाशने में जुट गई है। टीईटी अनिवार्यता मामले में उत्तराखंड के 12 हजार शिक्षक सीधे प्रभावित हो रहे हैं। इन शिक्षकों की नियुक्ति 2010 से पहले की है, तब टीईटी की व्यवस्था नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इन शिक्षकों के प्रमोशन और सेवा से जुड़े विषय लटक सकते हैं। महाराष्ट्र के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से उत्तराखंड के बेसिक शिक्षकों को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। सरकार और शासन में इसके समाधान के लिए अलग-अलग स्तर पर बैठकें भी हो चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी विस्तृत अध्ययन किया जा रहा है। समाधान निकालने के लिए विकल्पों को तलाश जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने को लेकर विधिक राय भी ली जा रही है। फैसला महाराष्ट्र के मामले को लेकर आया है, इसलिए इसमें पक्षकार बनना उचित है नहीं। साथ ही महाराष्ट्र सरकार और अन्य राज्य फैसले को लेकर क्या कदम उठा रहे हैं, इस पर भी नजर रख रहे हैं। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ऐसे शिक्षकों को छूट दी गई है, जिनके रिटायरमेंट के पांच साल बचे हुए हैं। शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के मुताबिक हम शिक्षकों की चिंता से अवगत हैं और इसे सरकार गंभीरता से ले रही है। अफसरों के साथ इस मामले में बैठक की है। उन्हें समाधान निकालने के लिए कहा गया है। इस मामले को केंद्र के सम्मुख भी रखेंगे, ताकि पूरे मामले का सम्मानजनक हल निकले।