प्राइमरी हेडमास्टर के जूनियर में समायोजन का विवाद कोर्ट पहुंचा
प्रयागराज,। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों के नौ हजार से अधिक प्रधानाध्यापकों (हेडमास्टर) का समायोजन उच्च प्राथमिक विद्यालय या जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर करने का विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया है।
कौशाम्बी के अतुल द्विवेदी समेत तीन परिषदीय शिक्षकों ने इसे नियम विरुद्ध कार्रवाई बताते हुए इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जूनियर हाईस्कूल के जो पद पदोन्नति से भरे जाने थे उस पर प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का समायोजन किए जाने से उनकी पदोन्नति का अवसर कम हो गया।
याचिका करने वालों का कहना है कि यह स्थिति तब है जबकि पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आना अभी बाक़ी है। हाईकोर्ट ने अपने कई मामलों में निर्देश दिए हैं कि प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की पदोन्नति या स्थानांतरण करते समय राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23 अगस्त 2010, 29 जुलाई 2011 तथा 12 नवम्बर 2014 की अधिसूचनाओं को ध्यान में रखा जाए। इन अधिसूचनाओं के अनुसार प्राथमिक से उच्च प्राथमिक विद्यालय में पदोन्नति या स्थानान्तरण के लिए बीएड व बीटीसी के साथ कक्षा छह से आठ स्तर की टीईटी पास होना अनिवार्य है।
शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए 23 मई 2025 को जारी शासनादेश में भी एनसीटीई के प्रावधानों का पालन करने का जिक्र तो था लेकिन स्थानांतरण सूची में गाइडलाइन की पूरी तरह अनदेखी कर दी गई। इस मामले की एक अगस्त को हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने जवाब-तलब किया है। अब इस केस की सुनवाई नौ सितंबर को होगी। सहायक अध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर पदोन्नति का इंतजार है।