समायोजन और इंचार्ज का झमेला
कई प्राइमरी और कम्पोजिट स्कूलों से प्रधानाध्यापकों को हटा दिया गया है । अब उन स्कूलों में चार्ज लेने को लेकर लफड़ा चल रहा है । कोई भी शिक्षक चार्ज लेने को तैयार नहीं ।
आइए समझते हैं नियम के हिसाब से *चार्ज कौन लेगा।*
1. *सबसे सीनियर शिक्षक को ही चार्ज लेना होगा।* कोई जूनियर शिक्षक भी स्वेच्छा से चाहे तो चार्ज ले सकता है। प्रायः देखा जा रहा है कि सीनियर शिक्षक चार्ज लेने से बचने के लिए CL, CCL, Medical Leave ले रहे हैं। उससे कोई फायदा नहीं। जब भी आप स्कूल वापस आयेंगे, आप ही को चार्ज लेना होगा।
_*कई सीनियर चार्ज लेने से बचने के लिए* अधिकारियों से भी सेटिंग का प्रयास करते हैं लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं है। कोई भी अधिकारी लिखित में जूनियर को चार्ज लेने का आदेश नहीं दे सकता ।_
_अगर सीनियर इससे बचने के लिए किसी गंभीर बीमारी का हवाला देता है तो उसी बीमारी को आधार बनाकर 50+ उम्र होने पर उसे जबरिया रिटायर किया जा सकता है।_
2. *सीनियर कौन है ?* इसकी गणना का आधार बनेगा जिले की नियुक्ति। जो जिले में सबसे पहले नियुक्त हुआ, वो ही शिक्षक सीनियर माना जाएगा। ✅
3. सैलरी ज्यादा है सीनियर की । प्रमोशन और स्वैच्छिक स्थानांतरण में लाभ मिलेगा सीनियर को और जब जिम्मेदारी संभालने की बात आयेगा तो जूनियर संभाले । ऐसा कहीं भी प्रावधान नहीं है । *शासनादेश भी यहीं कहता है कि चार्ज सीनियर लेगा ।* _कोई भी अधिकारी शासनादेश के खिलाफ जाकर किसी जूनियर शिक्षक को इंचार्ज बनाने का आदेश जारी नहीं कर सकता, चाहे वो BEO हो, BSA हो या कोई सचिव ।_
C/P