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23 November 2023

ऑनलाइन हाजिरी हर शिक्षक को स्वीकार है, हम इंसान हैं बस हमें रोबोट बनने से इंकार है।, ऑनलाइन हाजिरी v/s शिक्षक की मांग

 ऑनलाइन हाजिरी हर शिक्षक को स्वीकार है, हम इंसान हैं बस हमें रोबोट बनने से इंकार है।, ऑनलाइन हाजिरी v/s शिक्षक की मांग


 



*ऑनलाइन हाजिरी हर शिक्षक को स्वीकार है,*
*हम इंसान हैं बस हमें रोबोट बनने से इंकार है।*

*कैलेंडर में दर्शायी छुट्टी करती हमें बदनाम है*
*लिखी कुछ मिलती कुछ, जो नहीं स्वीकर है।*

*कई जयंती व कई त्योहार पड़ा रविवार है,*
*कैलेंडर में उनको दर्शाना लगता बेकार है।*

*विशेष जयंती चलता कोई न कोई अभियान है,*
*सब पूरा करते हम फिर दिन चाहे रविवार है।*

*ग़र खुले स्कूल जो उस दिन कोई अवकाश है*
*क्यों बदले में नहीं मिलता प्रतिकर अवकाश है।*

*कई विद्यालय खेतों में या होता नदिया पार है,*
*इन रास्तो से गुजरना नहीं होता आसान है।*

*मीटिंग हो विद्यालय टाइम ये हमारी दरकार है,*
*ऑनलाइन हाजिरी हर शिक्षक को स्वीकार है।*

*पारिवारिक,वैयक्तिक कई आवश्यक काम है,*
*मिले हाफ डे लीव व अर्न लीव हमारी मांग है।*

*निशुल्क चिकित्सा शिक्षक का भी अधिकार है,*
*कोई सुविधा नहीं राज्य कर्मचारी के समान है।*

*पदोन्नति की कबसे ही रुकी पड़ी रफ्तार है,*
*जबकि विभागीय प्रमोशन 3 वर्षीय प्रावधान है।*

*पुरानी पेंशन की हर कर्मचारी लगाए आस है,*
*बिन पुरानी पेंशन बुढ़ापा होता खस्ता हाल है।*

*सारा ही कार्य लिंक व एप्प से होता तत्काल है,*
*फिर हमारी जायज माँगों से क्यों करते इंकार है।*

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