बहुत ही दुखद खबर: शिक्षको के लिए यह पोस्ट, प्राइवेटीकरण के खिलाफ एक पोस्ट
C/P
बहुत ही दुखद खबर
*यह पोस्ट उन सबके लिए है जो बेसिक के टीचर हैं।*
*भारी हृदय लेकर बड़े दुख से यह बात लिख रहा हूँ कि*
*आज से हमे प्राइवेट में ढकेलने का षड्यंत्र शुरू कर दिया गया है*
*बेसिक के अध्यापकों के लिए आज 8 अक्टूबर 2022 का दिन सबसे बुरा दिन रहा।*
*1 अप्रैल 2004 कर्मचारियों के लिए जिस प्रकार सबसे बुरा दिन था*
*उसी प्रकार 8 अक्टूबर 2022 कर्मचारियों की नौकरी के लिए सबसे बुरा दिन साबित होगा।*
*उस 1 अप्रैल को पेंशन खत्म हुई थी और आज 8 अक्टूबर से बेसिक के शिक्षकों की नौकरी धीरे धीरे खत्म होगी।*
*आज से निजीकरण की प्रक्रिया बैक डोर से शुरू हो गयी।*
*2023 तक सब कुछ हो जाएगा।*
*न कहीं से कोई आवाज़ आ रही है और न ही कोई चर्चा लेकिन बाज़ी तो हम हार चुके हैं।*
*निजीकरण का तीर अब कमान से निकल चुका है।*
*पूरा प्रदेश शांति से सो रहा है और डाका पड़ गया।*
*लिखने को बहुत कुछ बाकी है लेकिन अब हिम्मत नहीं बची है।*
*अब शायद शिक्षक एकता जिंदाबाद के नारे एक बीती हुई कहानी बनकर रह जाएंगे।*
*हो सकता है कि जो निजीकरण की प्रक्रिया 8 अक्टूबर 2022 से ट्यूनिंग शब्द से शुरू हो चुकी है वह 2024 के पहले पहले पूरी हो जाये और हम 2024 का चुनाव प्राइवेट कर्मचारी के रूप में करवा रहे होंगे।*
*हम सब नौकरी में रहते रहते एकजुट तो नहीं हो सके,,,लेकिन हो सकता है कि हम नौकरी से निकाले जाने के बाद एकजुट हो जाएं।*
*लेकिन नौकरी से निकाले जाने के बाद ज्यादातर लोग अन्य रोजगार की तलाश में शायद तब भी मौका न दे पाए,,,,*
*फिलहाल विद्यालय की चहारदीवारी में कैद टीचर यह सोंच रहे हैं कि शायद मेरी बारी नहीं आएगी,,लेकिन मित्रों अब यह सोंचना व्यर्थ है क्योंकि सबकी बारी आ गयी है अब कोई नहीं बचेगा।*
*कुछ लोग अब भी सोंचेंगे कि अरे ऐसा नहीं हो सकता लेकिन ऐसा तो हो गया है अब आंख बंद कर लेने से सच्चाई बदलने वाली नहीं।*
*कुछ लोग सोंच रहे होंगे कि जब मुझे BSA का कोई आदेश मिलेगा तब देखेंगे,,,,तो मेरी तो यही मनोकामना है कि ईश्वर उनको सद्बुद्धि दे।*
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