स्वाइन फ्लू के मरीज इस समय तेजी से बढ़ रहे है, करे ये उपाय
यह वायरस सूअरों की श्वासनली (श्वसन तंत्र) को संक्रमित करता है तथा बाद में यह वायरस मनुष्य में संचारित हो जाता है। इसके बाद मनुष्यो मे फैलने लगता है। इस रोग मे मरीज के नाक बहना, खाँसी, भूख में कमी और व्यवहार में बेचैन होती हैं। स्वाइन फ्लू का वायरस लगभग छह फुट की दूरी से अन्य व्यक्तियों में फैल सकता है। मुख्य रूप से स्वाइन फ्लू का वायरस व्यक्तियों के खाँसते, छींकते या बात करते समय उत्सर्जित बूंदों द्वारा फैलता हैं। यह बूंदें आपके नज़दीकी व्यक्ति के मुंह या नाक में जा सकती हैं, जो कि संभवतः साँस के माध्यम से फेफड़ों में भी जा सकती है। कुछ मामलों में, स्वस्थ व्यक्ति को पीड़ित व्यक्ति की संक्रमित सतह या अन्य वस्तुओं को छूने से भी फ्लू हो सकता है।
इसके रोकथाम ये है
- बार-बार हाथ धोएं।
- चेहरे पर हाथ न लगाएं। चेहरे के किसी भी हिस्से को छूने के लिए सभी तरह के प्रलोभनों का विरोध करें।
- गर्म पानी में नमक डालकर दिन में दो बार गरारे करें।
- अपनी नाक रोज़ दिन में कम से कम एक बार नमक वाले गर्म पानी से ज़रूर साफ़ करें।
- दिन में एक बार नाक अवश्य छिनकें और दोनों नाक को नमक के गर्म पानी में भीगी हुई रुई से साफ़ करें। इससे वायरल के घनत्व को कम करने में अति प्रभावी सहायता मिलती है।
- अपनी प्राकृतिक प्रतिरक्षा को अधिक से अधिक विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थों (अमला और अन्य खट्टे फल) के सेवन द्वारा बढ़ाएं।
- आप अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों (चाय और कॉफी, आदि) का सेवन करें, जो फ़ायदा कुल्ला करने से प्राप्त होता हैं वहीँ फ़ायदा गर्म पानी पीने से प्राप्त होता हैं, क्योंकि गर्म पानी पीने से गले के वायरस पेट में चले जाते हैं और वहां ये बढ़ते नहीं हैं तथा जीवित भी नहीं रहते हैं।