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19 July 2020

Prime Time Special: कटऑफ बनाम पासिंग मॉर्क मुद्दे पर तमाम भ्रांतियों की जवाब सहित व्याख्या: द लायंस टीम

Prime Time Special: कटऑफ बनाम पासिंग मॉर्क मुद्दे पर तमाम भ्रांतियों की जवाब सहित व्याख्या: द लायंस टीम


Updated: 19 Jul 2020, 08:30 am (IST)

प्रदेश के तमाम साथी यहाँ तक की प्रिंट मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया/सोशल साइट "कटऑफ और पासिंग मॉर्क" मुद्दे के अंतर को अभी तक समझ नही पा रहे। जबकि मा० न्यायालय इस अंतर को भली-भांति समझ चुका है। टॉप सीनियर एडवोकेट पी०एस०पटवालिया जी ने इसे बखूबी रिप्रेजेंट किया है। अभी बहुत बड़ी फौज वकीलों की तैयार है जो समस्त पहलुओं को व्याख्यापित करने के लिए पर्याप्त है।

इस अंतर की सटीक व्याख्या टीम के रेजॉइंडर के पैरा-40 और 41 में बखूबी की गई है।
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40.●  That the respondents have wrongly stated in G.O. dated 07.01.2019 fixed minimum cut-off marks i.e. 65%-60% for respective categories. Here submission that there is vast difference between cut-off and qualifying marks. In various cases the Apex Court and High Court decided that
“qualifying marks are minimum marks required to be eligible in the list of successful candidates for the vacancy whereas cut off is choosing the best candidate out of that list for the vacancy”.

41.●  It is submitted that in Qualifying marks are different from cut-off scores if you thought otherwise all this while.
Qualifying marks are those marks which you need to score to get selected for the counselling process.

[पैरा-40: अर्थात राज्य ने 07 जनवरी के आदेश में 65 और 60% के पासिंग मॉर्क को कटऑफ के रूप में गलत तरीके से लिखा है। जबकि हमारा कहना है कि कटऑफ और पासिंग मॉर्क में एक बड़ा अंतर होता है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय ने तमाम आदेशों में ये निर्धारित किया है कि "पासिंग मॉर्क वह न्यूनतम अंक होते हैं जो किसी भर्ती की सफल अभ्यर्थी की सूची में दर्ज होने के लिए अभ्यर्थी के लिए आवश्यक होती है। जबकि कटऑफ उस भर्ती की  उस चयन सूची से योग्यतम अभ्यर्थी के चयन का मानक होता है।"
पैरा-41:  यहां यह भी समाचीन है कि पासिंग मॉर्क वह अंक होते हैं जो अभ्यर्थी को काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवश्यक होती है।]

उपरोक्त तथ्यों की प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए आगे व्याख्यापित पैरा में NEET परीक्षा का उदाहरण भी उद्धरित किया गया है। विदित हों की काउन्सलिंग प्रक्रिया में पासिंग अंक को क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थी प्रतिभाग करते हैं। काउन्सलिंग में शामिल अभ्यर्थी के चयन का दावा स्वीकार नही होता है। काउन्सलिंग प्रोसेस चयन की एक अनंतिम प्रक्रिया होती है,काउन्सलिंग के बाद कटऑफ निर्धारित होकर अंतिम सूची का प्रकाशन होता है।

उपरोक्त विवरण को देखकर सभी शंकाग्रस्त साथी इस तथ्य से आश्वस्त हो लें कि टीम ने पूरे मामले को सीसे की तरह पारदर्शी कर दिया है।

💥आपके संघर्ष की साथी🤺
••• द लायंस टीम

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