कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अनलॉक 2 के तहत निर्गत निर्देशों के क्रम में 31 जुलाई तक विद्यालयों को बंद किया जाय: सनतकुमार सिंह
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते उत्पन्न वैश्विक महामारी के दृष्टिगत भारत सरकार गृह मंत्रालय एवं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के आदेश के क्रम में 31 जुलाई 2020 तक स्कूल कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों को बंद किया गया है, परंतु वाराणसी में परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का खोला जाना उक्त दिशा निर्देशों के सर्वथा विपरीत है।स्कूल खुला होने से कुछ शिक्षक शिक्षिकाओं द्वारा टेंपो इत्यादि जैसे वाहन का इस्तेमाल किये जाने व कंटेंटमेंट जोन एरिया से स्कूलों में आने जाने से वायरस संक्रमण फैलने की काफी प्रबल संभावना है, जब धार्मिक स्थल इत्यादि बंद है और प्रतिदिन वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है,कई जगह हॉस्पिटल भी बंद है,सोशल डिस्टेंसिंग के तहत 2 गज की दूरी भी अपनाना है और जब जनपद में धारा 144 लागू है तो ऐसी स्थिति में शिक्षकों का उपस्थित होना भी उचित नहीं है। सनतकुमार सिंह ने बताया कि शिक्षकों का मूल कार्य बच्चों को शिक्षण कार्य के जरिये शिक्षा प्रदान करना है और जब विद्यालय में बच्चे ही नहीं है तो शिक्षकों की उपस्थिति को अनिवार्य किये जाने का कोई औचित्य नहीं है।अनलॉक -2के तहत निर्गत दिशा निर्देशों के क्रम में 31 जुलाई 2020 तक विद्यालयों को बंद रखा जाना निहायत जरूरी है।वैश्विक महामारी के समय उत्पन्न संकट के निवारण हेतु जरूरी कार्यों के अलावा विद्यालयों को खोले जाने का कोई औचित्य नहीं है,यदि आवागमन या अन्य कारणों से शिक्षक संक्रमित होंगे तो इससे उनके परिवार व पड़ोस वालों पर भी असर पड़ेगा। संक्रमण से बचाव हेतु उचित पहल आवश्यक है। विभाग द्वारा माह जुलाई में ही विभागीय आडिट कराया जाना सुनिश्चित किया गया है जब शादी विवाह में 50 से अधिक लोगों की उपस्थिति को मना किया गया है ऐसी स्थिति में यदि लगभग 100 से अधिक शिक्षक आडिट कराने एक जगह उपस्थित होते हैं तो भी बचाव हेतु निर्गत दिशा निर्देशों का पालन हो पाना संभव नहीं हो सकेगा। शासन से मांग है की अनलॉक टू के तहत निर्गत दिशा निर्देशों के क्रम में विद्यालयों को बंद किए जाने हेतु उचित पहल किए जाय।सनतकुमार सिंह ,
जिला वरिष्ठउपाध्यक्ष व अध्यक्ष,
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ काशी विद्यापीठ वाराणसी।