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16 June 2020

अनामिका शुक्ला प्रकरण:- फर्जी शिक्षक भर्ती गैंग का भंडाफोड़, एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को सोमवार को लखनऊ में शहीद पथ के नीचे से गिरफ्तार किया

अनामिका शुक्ला प्रकरण:- फर्जी शिक्षक भर्ती गैंग का भंडाफोड़, एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को सोमवार को लखनऊ में शहीद पथ के नीचे से गिरफ्तार किया

प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने अनामिका शुक्ला प्रकरण में फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में नौकरी दिलाने वाले गैंग का पर्दाफाश कर दिया है। एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को सोमवार को लखनऊ में शहीद पथ के नीचे से गिरफ्तार किया है।


तीनों बेसिक शिक्षा विभाग में ही अलग-अलग जिलों में कार्यरत हैं। इस गैंग के जरिए मुहैया कराए गए दस्तावेजों के सहारे नौ जिलों प्रयागराज, अमेठी, रायबरेली, वाराणसी, बागपत, कासगंज, सहारनपुर, अंबेडकरनगर व अलीगढ़ जिले में केजीबीवी में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्तियां हुई थीं। बेसिक शिक्षा विभाग में ही कार्यरत हैं तीनों अभियुक्त एसटीएफ ने फर्रूखाबाद जिले के कुंवरखास में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत पुष्पेन्द्र सिंह, जौनपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जिला समन्वयक के पद पर कार्यरत आनंद तथा जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय हरदोई में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत रामनाथ को गिरफ्तार किया है। पुष्पेन्द्र पुत्र महराम सिंह मैनपुरी जिले के भोगांव थाना क्षेत्र स्थित नगला खराव का निवासी है। उसे राज उर्फ सुशील उर्फ गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है।


आनंद पुत्र राम समुझ सिंह जौनपुर जिले के लाइन बाजार थाना क्षेत्र स्थित वाजिदपुर दक्षिणी के 168 एफ गौरीशंकर वाटिका का रहने वाला है। इसी तरह रामनाथ पुत्र पूरन लाल मूल रूप से लखीमपुर खीरी जिले के मैगलगंज थाना क्षेत्र स्थित लिधिया गांव का रहने वाला है। रामनाथ वर्तमान में हरदोई के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पाली से संबद्ध है। तीनों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक ड्राइविंग लाइसेन्स, एक आधार कार्ड, एक एटीएम कार्ड, एक लाइसेंसी पिस्टल 7.65 एमएम, सात जिन्दा कारतूस तथा 1180 रुपये नकद बरामद हुए हैं। कासगंज में प्रिया की गिरफ्तारी से मिला सुराग कासगंज जिले में केजीबीवी में अनामिका शुक्ला बनकर नौकरी कर रही प्रिया पुत्री महिपाल जाटव की गिरफ्तारी के बाद पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत का नाम सामने आया। कासगंज जिले के सोरों थाने की पुलिस ने सबसे पहले पुष्पेन्द्र के भाई जसवंत को गिरफ्तार किया। वह विभव कुमार पुत्र विनोद जाटव के नाम से कन्नौज के प्राथमिक विद्यालय बरौली में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत था। इसी तरह अलीगढ़ जिले के पाली थाने की पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक अन्य फर्जी शिक्षिका बबली पत्नी हरिओम ने भी पूछताछ में बताया कि उसे पुष्पेन्द्र और उसके भाई जसवंत के माध्यम से अनामिका शुक्ला नाम का फर्जी शैक्षिक दस्तावेज मिला था। इन अभिलेखों के आधार पर उससे अलीगढ़ के केजीबीवी बिजौली में नियुक्ति मिली थी। पुष्पेन्द्र को जौनपुर से मिले थे अनामिका के शैक्षिक अभिलेखगिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पुष्पेन्द्र ने एसटीएफ को बताया कि वह खुद सुशील पुत्र गुलाब चन्द्र निवासी कुंवरपुर खास के नाम से फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक के पद पर काम कर रहा था। वर्ष 2010 वह प्रधान लिपिक रामनाथ के सम्पर्क में आया था। रामनाथ के सहयोग से उसने अंजली पुत्री राम खिलाड़ी नाम की महिला को केजीबीवी नियुक्ति कराई थी। अंजली की समयावधि पूर्ण होने पर उसे वार्डन के पद पर भी नियुक्त करवाया। इसके बाद उसने अपने भाई जसवंत को विभव कुमार के नाम से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर कन्नौज में नियुक्त कराया था। रामनाथ के माध्यम से ही उसकी आनन्द से मुलाकात हुई थी। आनंद की पत्नी शोभा तिवारी जौनपुर में जिला समन्ययक बालिका शिक्षा के पद पर नियुक्त है। जौनपुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र व शैक्षिक दस्तावेज आनंद की अभिरक्षा में रहते हैं। आनंद के माध्यम से वर्ष 2019 में अनामिका शुक्ला के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसे मिलीं। इन शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां उसने रामनाथ को दीं। फिर इन्हीं दस्तावेजों के सहारे बब्ली पत्नी हरिओम निवासी रसूलाबाद जिला कानपुर देहात को अलीगढ, बब्ली की ननद सरिता को प्रयागराज, दीप्ती को वाराणसी तथा प्रिया को कासगंज में केजीबीवी में अनामिका शुक्ला के नाम से नियुक्त कराया। इन सभी से उसने दो-दो लाख रुपये लिए। इसके अलावा रीना व अन्य महिला अभ्यार्थियों को भी अनामिका शुक्ला के नाम से सहारनपुर, बागपत, रायबरेली, अमेठी व अंबेडकरनगर में नियुक्त कराया गया। पुष्पेन्द्र ने बताया कि आनंद ने उसे प्रीति यादव पुत्री लाल बहादुर यादव ग्राम व पोस्ट शाहपुर सिकरारा जिला जौनपुर के भी शैक्षिक प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए। आनंद ने बताया था कि प्रीति ने वर्ष 2017 में केजीबीवी जौनपुर में नौकरी के लिए आवेदन किया था। प्रीति के अभिलेखों का उपयोग कर उसने जौनपुर व आजमगढ़ में दो फर्जी शिक्षिकाओं की नियुक्ति केजीबीवी में कराई है। गोण्डा में होगी आगे की विवेचना एसटीएफ ने सभी अभियुक्तों को गोण्डा के कोतवाली नगर थाने को सौंप दिया है। गोण्डा जिले के खरगूपुर थाना क्षेत्र स्थित भुलईडीह गांव की रहने वाली अनामिका शुक्ला पुत्री सुभाष चन्द्र शुक्ला ने 11 जून को इसी थाने में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 व 474 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसी मुकदमे की विवेचना शासन ने एसटीएफ को सौंप दी थी। अनामिका का कहना था कि उन्होंने केजीबीवी में संविदा शिक्षक पद के लिए वर्ष 2017 में सुल्तानपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, बस्ती व लखनऊ जिले में आवेदन किया था। इसमें सुल्तानुपर, जौनपुर व लखनऊ से काउन्सिलिंग के लिए उनके पास कॉल आई थी। हालांकि स्वास्थ्य कारणों से वह काउंसलिंग में प्रतिभाग नहीं कर सकी थीं। अब उसके शैक्षिक दस्तावेज का दुरुपयोग कर विभिन्न जिलों में में अनामिका शुक्ला नाम से फर्जी तरीके से चयनित होकर मानदेय आहरित किया जा रहा है।

अनामिका शुक्ला प्रकरण:- फर्जी शिक्षक भर्ती गैंग का भंडाफोड़, एसटीएफ ने गैंग के तीन सदस्यों को सोमवार को लखनऊ में शहीद पथ के नीचे से गिरफ्तार किया Rating: 4.5 Diposkan Oleh: news