69 हजार शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर चर्चा में आए निलंबित लेखपाल का भी चयन हुआ है
दरअसल, तीन साल पहले मिली लेखपाल की नौकरी उसे पसंद नहीं है। अधिक पढ़ाई-लिखाई नहीं होने राजस्व विभाग के कार्यों को करने में जहां दिक्कत होती थी, वहीं छोटे-छोटे कार्य के लिए अफसरों से मिलने वाली दुत्कार के चलते वह शिक्षक बनकर अपना धंधा चलाना चाह रहा था।
अंतू इलाके के आधारपुर का निवासी और लालगंज तहसील में तैनाती पाने वाले लेखपाल ने सोरांव के सरगना के संपर्क में आने के बाद तीन साल पहले नौकरी हासिल की थी। राजस्व विभाग में काम अधिक होने और अफसरों की दुत्कार से उसने लेखपाल की नौकरी छोड़कर टीचर बनने का इरादा बनाया। 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती में अभ्यर्थियों की खोजबीन करने के साथ ही स्वयं भी परीक्षा में शामिल हुआ और अच्छे अंकों से पास भी हुआ।
उधर, सोरांव थाने में शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की भनक लगते ही लेखपाल तहसील से फरार हो गया। छह जून को सोरांव पुलिस ने जब पहली बार अंतू स्थित आधारपुर गांव में दबिश दी, तो आसपास के लोगों के साथ ही रिश्तेदारों के कान खड़े हो गए। पुलिस की पकड़ से दूर लेखपाल भले ही इन दिनों निलंबित चल रहा है, मगर वह सोरांव पुलिस के हर कदम पर नजर रखे हुए है। फिलहाल जांच एसटीएफ के पाले में जाने से अभ्यर्थियों की धड़कनें बढ़ गई हैं।