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04 June 2020

69000 SHIKSHAK BHARTIविवादित प्रश्नों का विश्लेषण--:-असि. प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, इतिहास

69000 SHIKSHAK BHARTIविवादित प्रश्नों का विश्लेषण--:-असि. प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, इतिहास



#विवादित_प्रश्नों_का_विश्लेषण--#69000_भर्ती:-

                #सूर्या_कुलश्रेष्ठ,
      असि. प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष,
                    इतिहास

1. #मत्स्येंद्रनाथ विकल्प सही है लेकिन सरकारी किताबों व साहित्यकारों द्वारा गोरखनाथ को भी नाथपंथ का प्रवर्तक कहे जाने के कारण मामला फंस चुका है अब देखना यह होगा कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी क्या निर्णय लेता है। मेरे विचार से ऐसे मामलों में साहित्यकार से अधिक विश्वसनीय इतिहासकार होते हैं।

  सामान्य रूप से संस्थापक और प्रवर्तक एक ही बात है लेकिन तार्किक रूप से विचार करें तो किसी संस्था की स्थापना करने वाला व्यक्ति संस्थापक कहा जाता है जबकि किसी विचार का प्रवर्तन या शुरुआत करने वाला व्यक्ति प्रवर्तक कहा जाता है लेकिन इस प्रश्न में संस्थापक और प्रवर्तक मेरी दृष्टि में समानार्थी है।

2.  तार्किक रूप से विचार करें तो डॉ #सच्चिदानंद_सिन्हा विकल्प सही है लेकिन लोकसभा व राज्यसभा के आधिकारिक विवरण में प्रथम और द्वितीय अध्यक्ष जैसा कोई उल्लेख नहीं है अतः इन साक्ष्यों का प्रयोग कर आप इस प्रश्न को डिलीट भी करा सकते हैं।

3. #परिवार_का_उपभोग_व्यय विकल्प सही है. तेंदुलकर समिति की अनुशंसा पर सरकार ने इसे गरीबी के मापक के रूप में मान्यता दी थी लेकिन इस समिति द्वारा भारत में गरीबी प्रतिशत कम बताए जाने पर इसके गरीबी आंकड़ों पर आपत्ति दर्ज हुई जिसके बाद डॉक्टर रंगराजन समिति ने उक्त समिति की तुलना में कुछ अधिक गरीबी प्रतिशत बता कर अपनी रिपोर्ट दी। इससे पूर्व भारत में गरीबी का मापक कैलोरी मान था।
    प्रति व्यक्ति आय का प्रयोग तो राष्ट्रीय आय, सकल घरेलू उत्पाद जैसी अवधारणाओं के साथ प्रयोग किया जाता है।

मैंने स्पष्ट रूप से इन प्रश्नों पर अपना मत व्यक्त कर दिया है। सुधी छात्रगण कृपया मैसेंजर व अन्य माध्यमों से इन प्रश्नों के बार-बार उत्तर ना पूछें।

ऐसे ही अन्य #विवादित_प्रश्नों की प्रतीक्षा में....

आपकी सफलता का आकांक्षी.....

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