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15 June 2020

उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक नई अर्जी दाखिल कर कोर्ट से गत 21 मई और 9 जून के आदेश में बदलाव करने का अनुरोध किया

उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक नई अर्जी दाखिल कर कोर्ट से गत 21 मई और 9 जून के आदेश में बदलाव करने का अनुरोध किया


 सरकार ने उन आदेशों में सहायक शिक्षक की तरह काम कर रहे शिक्षामित्रों को न डिस्टर्ब किए जाने के संदर्भ में संशोधन की मांग करते हुए कहा है कि कोई भी शिक्षामित्र इस समय सहायक शिक्षक की तरह काम नहीं कर रहा है। अर्जी में कोर्ट से एटीआरइ 2019 के आधार पर 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती और चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की इजाजत मांगी गई है। साथ ही कोर्ट के सामने भर्ती परीक्षा में शामिल हुए शिक्षामित्रों का ब्योरा भी पेश किया है।

प्रदेश सरकार की अर्जी में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के 21 मई और 9 जून के आदेश में कहा गया है कि सहायक शिक्षक के तौर पर काम कर रहे शिक्षामित्रों को डिस्टर्ब न किया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट के शिक्षामित्रों के बारे में दिए गए 2017 के मूल आदेश के बाद कोई भी शिक्षामित्र सहायक शिक्षक की तरह काम नहीं कर रहा है। मूल फैसला आने से पहले सहायक शिक्षक के तौर पर समायोजित किए गए सभी शिक्षामित्र सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्र पद पर वापस कर दिए गए थे। और इसके बाद 2019 में सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया और परीक्षा हुई थी। इसमें जनवरी 2019 को हुई 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसद रखे गए थे। सरकार के न्यूनतम योग्यता अंक 65 और 60 फीसद तय करने के आदेश को ही शिक्षामित्रों ने इस लंबित मामले में चुनौती दी है और न्यूनतम योग्यता अंक 45 और 40 फीसद करने की मांग की है। शिक्षामित्रों की इसी याचिका पर कोर्ट ने 21 मई और 9 जून को अंतरिम आदेश जारी किए थे जिसमें परीक्षा में शामिल शिक्षामित्रों के अंकों का ब्योरा राज्य सरकार से मांगा था। साथ ही कहा था कि जो शिक्षामित्र सहायक शिक्षक के तौर पर काम कर रहे हैं उन्हें न डिस्टर्ब किया जाए।

सरकार ने कहा है कि कोर्ट ने 9 जून के आदेश में कहा है कि सरकार 37339 पदों को छोड़ कर बाकी पर सहायक शिक्षकों की भर्ती कर सकती है। लेकिन 37339 पदों को छोड़ कर बाकी पर भर्ती करना व्यवहारिक नहीं है क्योंकि सभी एक साथ चयनित हुए हैं। ऐसा करने से जिला आवंटित करने, और विभिन्न आरक्षित श्रेणियों और मेरिट को संयोजित करने में दिक्कत होगी। सरकार ने कहा है कि सहायक शिक्षकों के बहुत से पद खाली हैं जिनका विज्ञापन अभी नहीं निकाला गया है ऐसे में अगर इनकी याचिका सफल होती है तो उन्हें बाद में खाली पदों पर नियुक्ति मिल सकती है। अभी कोर्ट राज्य सरकार को मौजूदा परीक्षा में पास हुए 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पूरी करने की इजाजत दे दे।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक नई अर्जी दाखिल कर कोर्ट से गत 21 मई और 9 जून के आदेश में बदलाव करने का अनुरोध किया Rating: 4.5 Diposkan Oleh: news