69000 शिक्षक भर्ती:- हाईकोर्ट के अहम आदेश से खत्म होगी ओवरलैपिंग, हाईकोर्ट के अहम आदेश ने बेसिक शिक्षा महकमे में खलबली मचा दी है, पूरा मामला समझने के लिए इस पोस्ट को पढ़े
69000 शिक्षक भर्ती: मेरिट से नहीं, आरक्षित वर्ग का मानकर तय हो वरीयता, अभ्यर्थी ने जिस वर्ग के लिए किया आवेदन उसी में हो सकेगा चयन
हाल ही में हाईकोर्ट के अहम आदेश ने बेसिक शिक्षा महकमे में खलबली मचा दी है। 69000 शिक्षक चयन में यह आदेश लागू हो जाए तो ओवरलैपिंग खत्म हो जाएगी।
इसे पोस्ट को इस तरह समझिए, प्राथमिक स्कूलों के लिए 68500 शिक्षक भर्ती हुई। इसमें सामान्य वर्ग की कुल सीटों पर ओबीसी, एससी व एसटी आदि अभ्यर्थी चयनित हुए, क्योंकि उनके गुणांक सामान्य अभ्यर्थी से अधिक या फिर बराबर थे। परिषद ने सामान्य की सीटों पर चयनित अभ्यर्थियों को सामान्य मानते हुए जिला आवंटित किया। इससे उन्हें मनचाहे जिले के बजाए दूर के जिलों में नियुक्ति मिल सकी। इस भर्ती की शुरुआत में शिक्षकों के चयन के लिए दो सूची जारी हुई थी। दूसरी सूची में कम गुणांक वाले अभ्यर्थियों को आसानी से गृह जिला मिल गया। जिला आवंटन को हाईकोर्ट में शिखा सिंह व 48 अन्य ने चुनौती दी। इसमें मांग थी कि मेरिट से जिला आवंटन किया जाए।
सामान्य वर्ग की सीटों पर आरक्षित वर्ग के आने का रास्ता होगा बंद
इस आदेश के मायने
1. अभ्यर्थी ने जिस वर्ग के लिए आवेदन किया है उसे उसी वर्ग में रखा जाए, भले ही उसके अंक कितने ही क्यों न हों।
2. आरक्षित वर्ग का मेधावी यदि अपने वर्ग में चयनित होगा तो उसे आसानी से अपना जिला मिल सकता है।
3. सामान्य वर्ग की सीटों पर अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों को ओवरलैप कराने की व्यवस्था खत्म होगी।
भर्ती में पड़ सकता यह असर
1. सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 36614 लिखित परीक्षा उत्तीर्ण हैं, ऐसे में अधिकांश चयनित होंगे।
2. ओबीसी के 84868 और एससी के 24308 परीक्षा उत्तीर्ण हैं अधिकांश का नहीं हो सकेगा चयन।
3. उप्र लोकसेवा आयोग ने पिछले वर्ष भर्तियों में ओवरलैपिंग को पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
कोर्ट के आदेश का इस भर्ती में अनुपालन कराने का प्रयास होगा। पहले अभ्यर्थी को सामान्य मानकर मांगे गए जिले का विकल्प देखेंगे, यदि मिल जाता है तो वह सामान्य में रहेगा। यदि अपने वर्ग में मिलता है तो उसे संबंधित वर्ग देकर जिला आवंटन करेंगे। -अनिल कुमार, उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद