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17 May 2020

69000 भर्ती होने से बीएड वालों को 8 साल बाद मिला शिक्षक बनने का मौका, इससे पहले 72825 में मिला था चांस, लेकिन दोनो की भर्ती कोर्ट मे लंबे समय के लिए फंसी

69000 भर्ती होने से बीएड वालों को 8 साल बाद मिला शिक्षक बनने का मौका, इससे पहले 72825 में मिला था चांस, लेकिन दोनो की भर्ती कोर्ट मे लंबे समय के लिए फंसी


प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति में बीएड डिग्रीधारकों को आठ साल बाद मौका मिला है। 69,000 शिक्षक भर्ती में चयन के बाद बीएड वाले भी प्राइमरी के बच्चों को पढ़ाएंगे। 12 मई को घोषित शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम में सर्वाधिक 97,368 बीएड योग्यताधारी सफल हुए हैं। हालांकि पदों की संख्या में दोगुने से अधिक अभ्यर्थियों के पास होने से चयन का अवसर हाथ से फिसलता देख कम मेरिट वाले डीएलएड (पूर्व में बीटीसी) अभ्यर्थी बीएड डिग्रीधारियों को अवसर देने का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि बीटीसी ट्रेनिंग सिर्फ प्राथमिक एवं एच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक पद के लिए होती है जबकि बीएड का पाठ्यक्रम माध्यमिक के अनुसार डिजाइन है।


शिक्षक भर्ती के लिए अर्हता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) तय करती है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) 2009 लागू होने के पहले यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में बीएड डिग्रीधारकों को विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से 2004, 2007 और 2008 में नियुक्ति दी गई। क्योंकि उस समय शिक्षकों के रिक्त पदों की तुलना में बीटीसी अभ्यर्थियों की संख्या कम थी। आरटीई 2009 लागू होने के बाद एनसीटीई की अधिसूचना 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 के अनुसार बीएड डिग्री धारकों को एक जनवरी 2012 तक प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए इस शर्त के साथ पात्र माना गया कि वो प्राथमिक शिक्षा में 6 माह का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने 9 नवंबर 2011 को अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन करके 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती निकाली, जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को भी अवसर मिला। हालांकि भर्ती को लेकर विवाद हो गया। निर्धारित समय सीमा में बीएड की नियुक्ति न होने पर एनसीटीई ने 10 सिंतबर 2012 को बीएड की प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति की समय सीमा 31 मार्च 2014 तक बढ़ा दी थी लेकिन फिर भी नियुक्त नहीं हो पाई। फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2015 में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो पाई। इससे जुड़े सभी विवाद का अंत 25 जुलाई 2017 को हुआ।

इस बीच नवंबर 2011 की 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती के बाद 68500 सहायक अध्यापक भर्ती तक बेसिक शिक्षा परिषद ने आधा दर्जन से अधिक भर्तियां निकाली लेकिन किसी में बीएड योग्यताधारियों को अवसर नहीं मिला। दो साल पहले एनसीटीई ने 28 जून 2018 में बीएड को प्राथमिक स्कूलों में भर्ती के लिए फिर मान्य कर लिया जिसके बाद एक दिसंबर 2018 से शुरू हुई 69000 शिक्षक भर्ती में बीएड वालों को भी आवेदन का अवसर मिल सका ।

69000 भर्ती होने से बीएड वालों को 8 साल बाद मिला शिक्षक बनने का मौका, इससे पहले 72825 में मिला था चांस, लेकिन दोनो की भर्ती कोर्ट मे लंबे समय के लिए फंसी Rating: 4.5 Diposkan Oleh: news