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22 March 2020

UPTET 2019: बार बार गलती पेपर बनाने वाले की होती है भुगतना बच्चों को पड़ता है आखिर कब तक ऐसे होगा। *Bunty Pandey✍️*

UPTET 2019: बार बार गलती पेपर बनाने वाले की होती है भुगतना बच्चों को पड़ता है आखिर कब तक ऐसे होगा।  *Bunty Pandey✍️


*  समस्त  प्रशिक्षुओं को को बंटी पांडेय का नमस्कार। मित्रों बड़ा ही गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है शिक्षा के प्रति जितनी भी वैकेंसी या पात्रता परीक्षा हो रही है बिना कोर्ट के उसका परिणाम नहीं निकल पा रहा है, आखिर इसका मुख्य कारण क्या हो सकता है इन्हीं सब बिंदुओं पर आज हम बात करेंगे और आप सभी लोगों को यूपीटेट 2011 से लेकर यूपीटेट 2019 तक विवादित टेट मुद्दा एवम उस दौरान आई हुई सभी शिक्षक भर्तियो पर बात करेंगे।  मित्रों यूपीटेट की शुरुआत 2011 से हुई सर्वप्रथम टेट का आयोजन 2011 में किया गया,और उसके बाद वह भी कोर्ट की शरण में चला गया अब उसके तुरंत बाद यानी टेट 2011 के तुरंत बाद 2012 में  72825 शिक्षक भर्ती आई । 72825 भर्ती का नोटिफिकेशन 2012 में आया था विवादों के घरों में लगातार यह शिक्षक भर्ती बनी रही कुछ लोगों को नियुक्ति मिल गई और कुछ लोग कोर्ट की शरण में बनें रहे 2020 तक अभी कुछ लोगों की नियुक्ति उसमें नहीं हो पाई है। उसके तुरंत बाद एक शिक्षक भर्ती आती है 29334 विज्ञान और गणित वर्ग के लिए जो 2013 में आई वह भी विवादास्पद भर्ती रही उसका भी निदान बच्चे कोर्ट से पाने के लिए हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक है दरवाजा खटखटाते रहे। उसमें कुछ लोगों को नियुक्ति मिल गई लेकिन कुछ लोग अब भी लगे हैं कोर्ट के चक्कर मे। उसके बाद आती है शिक्षक भर्ती 15000 वह भी भर्ती पूर्ण रूप से विवादित रही उसके बाद 16000 शिक्षक भर्ती का आयोजन किया जाता है वह भी भर्ती कोर्ट की शरण में चली गई उसके बाद 41000 सहायक शिक्षक भर्ती वह भी कोर्ट की शरण में चली गई अब बात करते हैं 2017 की जो पूर्ण रूप से विवादित रहा। यूपी टेट 2017 में कुल 14 प्रश्नों पर आपत्ति हुई। इस टेट में भी बच्चे लखनऊ खंडपीठ एवं इलाहाबाद न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दरवाजा खटखटाया तब उसके बाद जाकर कहीं  2020 में न्याय मिला। उसके बाद 68500 शिक्षक भर्ती आती है पूर्ण रूप से विवादित भर्ती उसमें भी इलाहाबाद न्यायालय एवम लखनऊ खंडपीठ से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बच्चे अपनी व्यथा को सुनाते हैं कुछ लोगों को इसमें नियुक्ति मिल गई है कुछ लोग अभी भी कोर्ट में बने हुए । इसके ठीक बाद यूपीटेट 2018 का आयोजन किया जाता है वह भी पूर्ण रूप से विवादित यूपीटेट 2018 पूर्ण रूप से विवादित रहा जिनमें कुल 13 प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज कराई गई बच्चे इलाहाबाद न्यायालय एवम लखनऊ खंडपीठ से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए। इस टेट में सिंगल बेंच के आर्डर से संशोधित रिजल्ट आया था जिसमे तीन नंबर सबको कामन दिया गया लगभग 20 हजार लोग पास हुए थे। इसके ठीक बाद 69000 शिक्षक भर्ती का आयोजन किया जाता है जो पूर्ण रूप से विवादित रही और इसकी भी स्थिति कुछ ऐसी ही होती है इलाहाबाद न्यायालय से लेकर लखनऊ खंडपीठ और सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई बच्चे लड़ते हैं अभी हाल ही में इसका ऑर्डर रिजर्व हुआ है अभी सुनाया नहीं गया है डेढ़ साल होने को जा रहे हैं पिछले एक 6 जनवरी 2019 को 69000 शिक्षक भर्ती का पेपर हुआ था। इसके बाद यूपीटेट 2019 का आयोजन होता है जिसका पेपर 2020 में किन्ही कारणों बस कराया जाता है वह भी पूर्ण रूप से विवादित रहा। जिनमें 10 प्रश्नों पर आपत्ति होती है अभी मामला कोर्ट में है जिनमें दो नंबर सबको कॉमन मिलने की प्रबल संभावना है।यह पूरा आंकड़ा उत्तर प्रदेश का है। आखिरकार इसकी मुख्य वजह क्या है बच्चे पढ़ाई करें या कोर्ट की तैयारी करें।सरकार को सीबीएससी से सीख लेनी चाहिए आप देख लीजिए सीटेट का पेपर होता है उस तक कोई भी कोर्ट का साया नहीं पड़ता क्योंकि  आपत्तिजनक प्रश्न बिल्कुल नहीं होते हैं एवम बिल्कुल साफ और सुथरे ढंग  से होता है। ऐसे उत्तर प्रदेश सरकार को भी पेपर कराने की जरूरत है जो भी प्रश्न बनवाये विवादित प्रश्न बिल्कुल भी ना हो। बहुत सारे कारण होते हैं तभी भर्तियां कोर्ट में जाती हैं गलती पीएनपी करें (पेपर बनाने वाले) सरकार करें भुगतना बच्चों को पड़ता है आखिर कब तक ऐसे होता रहेगा। कब तक यह स्थिति सही होगी,मेरा विनम्र निवेदन है उत्तर प्रदेश सरकार से कृपया विवादित प्रश्न बिल्कुल ना बनवाये एवं साफ और सुथरे ढंग से पेपर करवाएं,ताकि कोई भी भर्ती कोर्ट में ना जाए।

धन्यवाद।
आपके संघर्ष का साथी Bunty Pandey✍️✍️
संपर्क सूत्र 9716835455

यह पोस्ट बंटी जी ने लिखा है

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