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22 January 2023

BED VS BTC: बीएड और बीटीसी विवाद में फैसला जारी सुप्रीम कोर्ट का आर्डर बीएड प्राथमिक मे मान्य होगा की नही

 BED VS BTC: बीएड और बीटीसी विवाद में फैसला जारी सुप्रीम कोर्ट का आर्डर बीएड प्राथमिक मे मान्य होगा की  नही


BED VS BTC: बीएड और बीटीसी विवाद मामले मे सुर्पीम कोर्ट मे हो रही सुनवाई, देखना है बीएड प्राथमिक मे रहेगा या बाहर होगा, इस छोटा सा पोस्ट पढ़े


बीएड और बीटीसी विवाद को लेकर एक बार फिर बड़ी अपडेट आई है। इस संबंध में न्यायालय द्वारा क्या आदेश पारित किया गया है। और क्या बीएड छात्रों को प्राथमिक में शामिल किया गया है। इस संबंध में एक अपडेट भी आया है। ये राजस्थान का मामला है और राजस्थान हाईकोर्ट से आपको बड़ी अपडेट मिल रही है. कृपया पूरी पोस्ट को विस्तार से पढ़ें और आपको पता चल जाएगा कि पूरी तरह से क्या अपडेट है।
बीएड बीटीसी विवाद को लेकर दोनों पक्षों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लिखित दलीलें दी गई हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने लिखित दलीलें देने के लिए 20 जनवरी, 2023 तक का समय दिया था। जो कि 20 जनवरी की तारीख खत्म हो चुकी है। सभी पक्षों की ओर से लिखित बयान भी दिया गया है। अब फैसला सुप्रीम कोर्ट को देना है। अब सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि बीएड प्राइमरी में रहेगा या बाहर। सुप्रीम कोर्ट से बहुत जल्द फैसला आने वाला है। लेकिन राजस्थान में बीएड को लेकर एक पेचीदा मामला है जिसका आदेश दिया गया है, क्या आदेश दिया गया जानने के लिए नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ें।


आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राजस्थान का मामला होने के कारण राजस्थान उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के आवेदनों को स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं. जैसे राजस्थान में जब लेवल 1 और 2 शिक्षक भर्ती आती है तो उसके लिए बीएड को पात्र बनाया गया है। जस्टिस सुदेश बंसल ने सरकार, एनसीटीई और चयन बोर्ड से जवाब मांगा। प्रत्याशी मुकेश सुधार व अन्य ने याचिका दाखिल की है। याचिका में याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता कोमल गिरि और बजरंग सीपत ने किया। याचिकाकर्ताओं ने छह महीने का बीएड ब्रिज कोर्स किया है, इसलिए नियमानुसार याचिकाकर्ता लेवल वन के लिए भी पात्र है। सरकार ने 22 दिसंबर को लेवल 1 और लेवल 2 के लिए विज्ञापन जारी किया था।
बीएड और बीटीसी भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। भले ही राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं के आवेदनों को स्वीकार करने के आदेश दिए गए हों। लेकिन अब जो भी आदेश होगा, वो सुप्रीम कोर्ट का होगा. 20 जनवरी तक जो भी पक्षकार सुप्रीम कोर्ट में हैं, वे लिखित दलीलें देंगे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट 90 दिनों के भीतर कभी भी फैसला सुना सकता है। जल्द ही सुप्रीम कोर्ट से मामला साफ हो जाएगा कि वह प्राइमरी में रहेगी या बाहर रहेगी।


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